Friday, May 3, 2024
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हिमाचल प्रदेश में बर्फबारी शुरू, शिंकुला बारालाचा ताग्लंग ला में हल्की बर्फबारी

हिमाचल की ऊंची चोटियों शिंकुला बारालाचा ताग्लंग ला में रविवार को हल्की बर्फबारी हुई। राज्य में धर्मशाला में सबसे अधिक 47 मिमी, डलहौजी में 16 मिमी और नारकंडा में 4 मिमी बारिश दर्ज की गई है. ताजा बर्फबारी और बारिश के बाद तापमान में गिरावट आई है और ठंड बढ़ गई है. मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ का असर अगले तीन दिनों तक रहेगा.

हिमाचल प्रदेश की ऊंची चोटियों शिंकुला, बारालाचा, तांगलांग ला में हल्की बर्फबारी हुई है. जबकि राज्य में सबसे ज्यादा बारिश धर्मशाला में 47 मिमी, डलहौजी में 16 मिमी और नारकंडा में चार मिमी दर्ज की गई है. ताजा बर्फबारी और बारिश के बाद तापमान में गिरावट आई है और ठंड बढ़ गई है. अधिकतम तापमान में चार से छह डिग्री की गिरावट आयी है.

रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण मनाली-लेह मार्ग पर बारालाचा ला दर्रा सहित तांगलांग ला में बर्फबारी शुरू हो गई है। रविवार को दर्रों सहित मनाली और लाहौल (Snowfall in Manali and Lahaul ) की ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हुई. दर्रों में हल्की बर्फबारी के बावजूद वाहनों की आवाजाही सुचारू है। लेकिन अगर मौसम का हाल ऐसा ही रहा तो यात्रा जोखिम भरी हो सकती है.

इससे पहले सितंबर में भी बर्फबारी ने लेह मार्ग पर पैदल यात्रियों की दिक्कतें बढ़ा दी थीं. वर्तमान में सरचू में बीआरओ के एक अस्थायी ट्रांजिट कैंप के साथ एक पुलिस चौकी स्थापित है। लेह से मनाली पहुंचे चालक नरेंद्र और दोरजे ने बताया कि ऊंची चोटियों पर बर्फबारी हो रही है। रविवार दोपहर को हल्की बर्फबारी शुरू हो गई है. एसपी लाहौल स्पीति मयंक चौधरी ने कहा कि सभी मार्गों पर वाहनों की आवाजाही सुचारू है।

मौसम विभाग पूर्वानुमान

मौसम विभाग की ओर से जारी ताजा पूर्वानुमान के मुताबिक, सभी जिलों में आंधी, बिजली और बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है. मौसम विभाग के मुताबिक पश्चिमी विक्षोभ का असर अगले तीन दिनों तक रहेगा. रविवार सुबह से ही बादल छाने के साथ रुक-रुक कर बारिश का दौर जारी रहा।

सड़कें यातायात के लिए बंद

राज्य में अधिकतम तापमान में सबसे ज्यादा गिरावट बिलासपुर में 6 डिग्री, सोलन में 5 डिग्री और डलहौजी में 4.6 डिग्री दर्ज की गई है. राज्य में एक एनएच समेत 128 सड़कें यातायात के लिए बंद हैं। इन्हें खोलने का प्रयास किया जा रहा है। अब तक नुकसान का आकलन 8661.68 करोड़ रुपये तक पहुंच चुका है. अब तक विभिन्न कारणों से 432 लोगों की मौत हो चुकी है. जिनमें से 145 लोगों की मौत भूस्खलन, बाढ़ और बादल फटने से हुई।

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