Tuesday, April 23, 2024
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हिमाचल के इकलौते कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में डेढ़ करोड़ से बन रहा गेट

हिमाचल का एकमात्र कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर (Agricultural university, Palampur) वित्तीय जांच के घेरे में आ गया है। कृषि विश्वविद्यालय परिसर में डेढ़ करोड़ की लागत से मुख्य द्वार बनाया जायेगा. विधानसभा की स्थानीय निधि लेखा समिति ने इतनी अधिक लागत पर गेट के निर्माण की जांच के आदेश दिए हैं।

धर्मशाला (Dharamshala) में विधानसभा की स्थानीय निधि लेखा समिति की बैठक में विधायक कुलदीप राठौर ने सवाल उठाया कि गेट पर फिजूलखर्ची की जा रही है। 50 से 60 लाख रुपये तक अच्छा गेट बन जाता है। डेढ़ करोड़ रुपये का गेट बनाने की जांच होनी चाहिए। समिति ने बैठक में गेट को लेकर अधिकारियों से रिपोर्ट मांग ली है।

गौरतलब है कि कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर लंबे समय से खराब वित्तीय स्थिति से गुजर रहा है। खराब वित्तीय स्थिति की वजह से प्रबंधन को छात्रों की फीस तक बढ़ानी पढ़ी जिसका छात्रों ने काफी विरोध किया था। वर्तमान में कृषि विवि परिसर में पांच हॉस्टल की कमी है। हॉस्टल की कमी की वजह से छात्रों को गांवों में किराये पर कमरा लेना पढ़ता है जिस वजह से उनकी पढ़ाई प्रभावित हो रही है।

खराब वित्तीय स्थिति की वजह से ही करीब 8 लेक्चर थियेटर नहीं बन पा रहे हैं। 90 छात्रों की क्षमता वाले लेक्चर थियेटरों में 147 छात्रों को पढ़ाया जा रहा है। लेक्चर थियेटर और हॉस्टल बनाने के स्थान पर महंगे मुख्य गेट को तरजीह दी जा रही है।

गेट की डेढ़ करोड़ की लागत देखकर हैरान हो गया : राठौर

विधायक कुलदीप राठौर ने माना कि धर्मशाला में विधानसभा की स्थानीय निधि लेखा समिति की बैठक में उन्होंने कृषि विवि पालमपुर में बन रहे डेढ़ करोड़ रुपये के गेट पर सवाल उठाए हैं। कमेटी ने जांच के आदेश दिए हैं। वह हैरत में थे कि डेढ़ करोड़ का गेट बनाने की आखिर जरूरत क्यों पड़ी। 40 से 50 लाख रुपये में अच्छा गेट बन जाता है।

जब भी हॉस्टल मांगते हैं तो प्रबंधन पैसे की कमी का देता है हवाला : अभय

कृषि विवि में एबीवीपी के अध्यक्ष अभय वर्मा ने बताया कि वर्तमान में कृषि विवि में 8 लेक्चर थियेटर और पांच हॉस्टल की कमी है। जब भी छात्र कृषि विवि प्रबंधन से हॉस्टल और लेक्चर थियेटर बनाने की मांग करते हैं तो कहा जाता है कि विश्वविद्यालय के पास पैसे नहीं हैं। हम गेट के विरोध में नहीं हैं, इसे कम पैसे में भी बनाया जा सकता है। पहले लेक्चर थियेटर और हॉस्टल को तरजीह देनी चाहिए थी।

टेंडर हो चुका है, कोशिश करेंगे लागत कम की जा सके : वीसी

कृषि विवि के वीसी डा. डीके वत्स ने बताया कि डबल लेन मार्ग पर मुख्य गेट का काम एक साल से चल रहा है। कृषि विवि की कमेटी की अध्यक्षता में गेट को बनाने की अनुमति दी गई थी। पूर्व वीसी के कार्यकाल में एक साल पहले इसका टेंडर हुआ था। टेंडर की सभी औपचारिकताएं निभाई गई हैं। जो सवाल उठाए गए हैं, उन पर जांच की जाएगी। वह कोशिश करेंगे कि गेट की लागत को कम किया जा सके।

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