Wednesday, May 1, 2024
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मानसून में कम हो जाती है इम्यूनिटी : इम्यूनिटी कैसे बड़ाये इसकी सारी जानकारी यहाँ है

बरसात के मौसम में बीमार पड़ने के दो मुख्य कारण होते हैं। सबसे पहले, बैक्टीरिया और वायरस की संख्या बढ़ जाती है। दूसरा, शरीर की रोगों से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है। अगर आप अपनी डाइट में थोड़ा बदलाव करें और शरीर को मजबूत बनाने वाली चीजों को अपनी डाइट में शामिल करें तो बीमारियों से लड़ने की क्षमता थोड़ी बढ़ जाएगी। इसका मतलब है कि आपकी रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ेगी।

आचार्य श्री बालकृष्ण, आयुर्वेदाचार्य, पतंजलि योगपीठ, आयुर्वेदाचार्य श्रेय शर्मा से जानते हैं किस तरह हम आयुर्वेद को अपनाकर खुद को हेल्दी रख सकते हैं। बार-बार बीमार होने से बच सकते हैं…

सवाल: इम्यूनिटी बूस्ट करने के लिए मार्केट में कई दवाईयां मिलती हैं, ऐसे में अब लोग आयुर्वेद ट्रीटमेंट क्यों करवाना चाहते हैं?

जवाब: लाइफस्टाइल में बदलाव कर लोग एक हद तक आलसी बन गए हैं। इस वजह से पहले से ज्यादा बीमार होने लगे हैं।

WHO की रिसर्च के मुताबिक दुनिया की तीन चौथाई मौत की वजह लाइफस्टाइल से जुड़ी बीमारियां हैं। हर 2 सेकेंड में एक व्यक्ति लाइफस्टाइल डिजीज से जान गंवा रहा है।

दर्द कम करने के लिए लोग तरह-तरह की दवाइयां और केमिकल यूज करते हैं। जिनसे किडनी और लिवर पर बुरा असर पड़ता है।

आयुर्वेदिक जड़ी-बूटी और उपाय शरीर के किसी भी अंग को नुकसान नहीं पहुंचाते, यही वजह है कि आजकल लोग नेचुरल प्रोडक्ट की तरफ शिफ्ट हुए हैं। एलोपैथिक डॉक्टर भी इसके फायदे से इनकार नहीं कर सकते।

इम्यूनिटी बूस्ट करने वाली जड़ी-बूटियों के बारे में एक-एक करके समझते हैं-

  1. अश्वगंधा

सवाल: अश्वगंधा क्या होता है?
जवाब: अश्वगंधा एक जड़ी-बूटी है। इसे ‘असंगध’ एवं ‘बाराहरकर्णी’ भी कहते हैं। नेचुरल तरीके से बीमारियों को ठीक करने के लिए इसे यूज किया जाता है।

इसकी जड़, बीज, डाल और फल सभी की मेडिसिनल वैल्यू है। नीचे लगे क्रिएटिव से अश्वगंधा के फायदे जानते हैं।

सवाल: अश्वगंधा क्या हर कोई खा सकता है?
जवाब: नहीं। कुछ खास बीमारी और परिस्थिति में अश्वगंधा नुकसान पहुंचाता है। इसलिए सिर्फ पढ़कर या दूसरों की सलाह से ही इसे न खाएं। अपने शहर के किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह से ही इस लें।

  1. नीम

सवाल: नीम के आयुर्वेदिक गुण क्या है?

जवाब: नीम की पत्तियां जितनी कड़वी होती है, उतना ही शरीर के लिए फायदेमंद। आयुर्वेद में इसे एक शक्तिशाली जड़ी-बूटियों में गिना जाता है। नीम के फल, फूल, पत्ते, छाल व टहनियां सब में रोग से लड़ने की क्षमता है।

यह एंटीबैक्टीरियल, एंटीकार्सिनोजेनिक, एंटी-इंफ्लेमेटरी, एंटीऑक्सिडेंट, एंटीसेप्टिक, एंटीमाइरियल, एंटी- माइक्रोबियल और एंटी-वायरल गुणों से भरपूर है।

सवाल: इसे कैसे यूज करना चाहिए?
जवाब: दांत साफ कर रहे हैं तो दातुन के रूप में टहनी चबाकर इसे यूज करें।

इसके पत्ते चबाकर कई रोगों से बच सकते हैं।

बारिश के मौसम में अगर स्किन से जुड़ी कोई प्रॉब्लम हो गई है तो इसकी पत्तियां को पानी में उबालकर नहाएं या फिर त्वचा पर इसका पानी लगाएं।

सवाल: क्या नीम की पत्तियां हर कोई खा सकता है?
जवाब: वैसे तो इसे खाने से कोई प्रॉब्लम नहीं होती। इसके बावजूद कुछ लोगों को इसे न खाने की सलाह दी जाती है। जैसे-

प्रेग्‍नेंट महिलाएं, बहुत छोटे बच्चे
अगर कोई पुरुष या महिला प्रेग्नेंसी प्लान कर रहा है तो वो इसे न खाएं।
लिवर या किडनी से जुड़ी कोई समस्या है तो बिना डॉक्टरी सलाह इसे न खाएं।
नोट: दूसरों की सलाह से इसे न खाएं। अपने शहर के किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर की सलाह भी जरूर लें।

  1. तुलसी

सवाल: तुलसी के गुण बताएं?

जवाब: रेगुलर तुलसी खाने से आप कम बीमार पड़ते हैं। माैसमी बीमारी का खतरा कम रहता है। इसकी पत्तियों को आप ऐसे ही चबा सकते हैं। चाहे तो इसकी चाय भी पी सकते हैं। तुलसी में एंटी-बैक्टीरियल गुण होता, जो शरीर को वायरस से बचाता है।

इसके साथ ही इसके पत्तों में विटामिन ए, विटामिन के, कैल्शियम, आयरन, मैंगनीज, मैग्नीशियम, जिंक और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं।

सवाल: तुलसी क्या हर कोई खा सकता है?

जवाब: हां। इसे खाने से कोई परेशानी नहीं होती।

सवाल: घर पर तुलसी का काढ़ा कैसे बनाएं?

जवाब: तुलसी का काढ़ा घर पर बनाना बहुत ही आसान है। इसके लिए दो कप पानी में तुलसी की कुछ पत्तियां डालकर 10-15 मिनट तक पानी उबालें या फिर इसे तब तक उबालें जब तक पानी एक चौथाई ना बच जाए। इसके बाद इसे छानकर हल्का गुनगुना होने पर पिएं। यह काढ़ा इम्यूनिटी बढ़ाने, सर्दी-जुकाम दूर करने और कोविड-19 जैसी गंभीर बीमारियों से बचाव में मददगार है।

  1. गिलोय

सवाल: गिलोय क्या होता है?

जवाब: गिलोय को ही गडुची कहते हैं। मौसमी फ्लू से बचाता है। एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण की वजह यह सांसों से संबंधित रोगों से आराम दिलाता है। कफ कंट्रोल कर इम्यूनिटी बढ़ाता है। अस्थमा और खांसी से बचाव कर फेफड़े स्वस्थ इससे रहते हैं।

गिलोय मेंं गिलोइन, टीनोस्पोरिन, टीनोस्पोरिक एसिड, आयरन, पामेरियन, फास्फोरस, कॉपर, कैल्शियम और जिंक जैसे पोषक तत्त्व होते हैं।

सवाल: क्या गिलोय हर कोई खा सकता है?

जवाब: जिन लोगों को लो ब्लड प्रेशर की शिकायत है और प्रेग्नेंट महिला या बच्चे को दूध पिलाती महिलाओं को गिलोय नहीं खाना चाहिए।

ये सब तो हुई मौसमी बीमारी से बचने के आयुर्वेदिक उपाय। इन्हें रेगुलर लेने के साथ-साथ आपको मानसून में अपने खानपान पर भी खास ध्यान रखना चाहिए।

मानसून में क्या न खाएं-पिएं

  • पत्तेदार सब्जियां जैसे पत्तागोभी, पालक और फूलगोभी खाने से बचें।
  • ज्यादा चाय या कॉफी न पिएं।
  • बाहर का खाना अवॉयड करें।
  • नॉनवेज खाने से परहेज करें।
  • प्रोसेस्ड ड्रिंक न पिएं
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